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क्या आप बच्चे को संगीत  सिखाते  हैं ? संगीत मनोरंजन है , ध्यान है , उदासी का साथी है | बच्चों के लिए संगीत वरदान है | तो फिर आप अपने बच...

आजकल छोटे-छोटे बच्चे बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं| संगीत से उनको डिप्रेशन माइग्रेन जैसी बीमारियों से बचाया जा सकता है| म्यूजिक थेरेपी काफी पॉपुलर हो गई है|


क्या आप बच्चे को संगीत सिखाते हैं? संगीत मनोरंजन है, ध्यान है , उदासी का साथी है | बच्चों के लिए संगीत वरदान है | तो फिर आप अपने बच्चे को संगीत क्यों नहीं सिखाते ?
बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ संगीत सिखाने का विचार शायद सबको पसंद न आए , लेकिन अनेक अनुसंधानो में यह बात सिद्ध हो चुकी है कि संगीत बच्चों के मस्तिष्क को प्रखर करता है| संगीत सिर्फ मन बदलाव का माध्यम ही नहीं है , बल्कि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभप्रद है , फिर चाहे वह भारतीय संगीत हो या पाश्चात्य | वैज्ञानिकों के मुताबिक जन्म के 1 साल तक बच्चे के मस्तिष्क तक यदि संगीत की मधुर धुन पहुंचती है , तो इसका असर होता है| संगीत से सुनने समझने और सीखने की शक्ति बढ़ती है, जिससे  वरबल आईक्यू, स्मरण शक्ति में तेजी आती है| देखा गया है कि जिस बच्चे का संगीत के प्रति झुकाव होता है, वह भाषा सीखने में पारंगत होता है| विशेषज्ञों के अनुसार, संगीत सीखने से बच्चों के मस्तिष्क का dkWVsZDl मजबूत होता है dkWVsZDl मस्तिष्क में रीजनिंग, थिंकिंग या इमैजिनेशन में मददगार होता है| अक्सर बच्चों को गणित का विषय अच्छा नहीं लगता, लेकिन संगीत सीखने से गणित में मदद मिलती है| न्यूरोसाइंटिस्ट नीना क्रॉस ने अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ एडवांसमेंट ऑफ साइंस की बैठक में बताया था कि संगीत सभी बच्चों को फायदा पहुंचाता है| इनमें डिस्लेक्सिया और ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे भी शामिल हैं| अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि वाद्ययंत्र बजाने से मस्तिष्क के निचले हिस्से ब्रेन स्टेम में प्रक्रिया शुरू हो जाती है| निष्कर्षों से पता चला है कि इंस्ट्रुमेंटल म्यूजिक से छात्रों में प्रैक्टिस करने के लिए अनुशासन विकसित होता है| कई शोधों के अनुसार, संगीत में रुचि लेना शरीर में डोपामाइन हार्मोन का स्त्राव करता है, जो व्यक्ति में जोश और प्रेरणा का संचार करता है| धीमी गति की धुन अर्थात बिना शब्दों वाला संगीत मन को शांति देता है, तनाव कम करता है, बढ़ी हुई हृदय गति में सुधार लाता है| इससे श्वास प्रक्रिया सामान्य होती है, बेचैनी में तुरंत आराम मिलता है| अच्छी नींद आती है, डर व  क्रोध में कमी आती है, मन प्रसन्न रहता है| शास्त्रीय या धीमी गति का संगीत और बांसुरी की धुन दिमाग को शांति व सुकून देती है| संगीत सुनने से शरीर के इम्यून, नर्वस सिस्टम और पाचन क्रिया पर अच्छा असर होता है| ऐसे में आपके मन में एक सवाल उठता है कि आखिर म्यूजिक को समझने का आसान तरीका क्या है? म्यूजिक को समझने का सीधा फार्मूला है- साउंड+रिदम+मेलोडी= म्यूजिक| पक्षियों की चहचहाट, नदियों के प्रभाव, पत्तियों को छूकर चलने वाली हवाओं में भी संगीत है, जिसे आप महसूस कर सकते हैं|
आजकल छोटे-छोटे बच्चे बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं| संगीत से उनको डिप्रेशन माइग्रेन जैसी बीमारियों से बचाया जा सकता है| म्यूजिक थेरेपी काफी पॉपुलर हो गई है| जो बच्चे चंचल होते हैं, उनके लिए  तो संगीत वरदान है| यदि वे संगीत में रुचि लेने लगे तो उनकी एकाग्रता में वृद्धि होती है| अगर आप भी चाहते हैं कि आपका बच्चा पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करें और अच्छा इंसान भी बने, तो बच्चे में जन्म के बाद से ही संगीत के संस्कार डाल दे| संगीत से सुनने, समझने और सीखने की शक्ति बढ़ती है, जिससे  वरबल आईक्यू, स्मरण शक्ति में तेजी आती है|
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